क्या आप जानते हैं कि Apple के महान नेता स्टीव जॉब्स ने अपने 50 साल के जीवन की सबसे बड़ी सीख सिर्फ 15 मिनट में बताई थी? जी हाँ, यह संभव है! स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय में दिए गए अपने प्रसिद्ध भाषण में उन्होंने तीन कहानियों के माध्यम से जीवन के सबसे महत्वपूर्ण पाठ साझा किए थे।
आज मैं उसी भाषण को आसान हिंदी में आपके साथ साझा करना चाहता हूँ, ताकि भाषा की दीवार किसी के लिए बाधा न बने।
स्टीव जॉब्स का संदेश
“आज दुनिया के सबसे बेहतरीन विश्वविद्यालयों में से एक के दीक्षांत समारोह में उपस्थित होना मेरे लिए गर्व की बात है। मैं आपको सच बताता हूँ – मैंने कभी कॉलेज पूरा नहीं किया है। आज पहली बार मैं किसी स्नातक समारोह के इतने करीब पहुँचा हूँ।
आज मैं आपको अपनी जिंदगी की तीन कहानियाँ सुनाऊंगा। ज्यादा नहीं, बस तीन।”
पहली कहानी: बिंदुओं को जोड़ना
मेरी शुरुआत जन्म से पहले ही हो गई थी। मेरी जन्म देने वाली माँ एक युवा, अविवाहित छात्रा थी। वह चाहती थी कि मुझे कोई शिक्षित परिवार गोद ले ले। पहले से तय था कि एक वकील और उसकी पत्नी मुझे अपनाएंगे, लेकिन मेरे जन्म के समय उन्होंने मना कर दिया क्योंकि उन्हें लड़की चाहिए थी।
आधी रात को मेरे होने वाले माता-पिता को फोन आया। उन्होंने तुरंत हाँ कर दी। लेकिन बाद में पता चला कि वे कॉलेज ग्रैजुएट नहीं थे। मेरी जन्म देने वाली माँ ने अंतिम कागजों पर हस्ताक्षर करने से मना कर दिया। बाद में मेरे माता-पिता ने वादा किया कि वे मुझे जरूर कॉलेज भेजेंगे। तब जाकर मुझे अपनाया गया।
17 साल बाद मैं कॉलेज गया, लेकिन गलती से एक महंगा कॉलेज चुन लिया। मेरे मेहनतकश माता-पिता की सारी बचत खर्च होने लगी। छह महीने बाद मुझे लगा कि यह पढ़ाई का कोई मतलब नहीं है। मुझे पता नहीं था कि जिंदगी में क्या करना है, और कॉलेज कैसे मदद करेगा।
इसलिए मैंने कॉलेज छोड़ने का फैसला किया। उस समय यह डरावना लगा, लेकिन आज मानता हूँ कि यह मेरी जिंदगी का सबसे अच्छा फैसला था।
कॉलेज छोड़ने के बाद मैंने वे क्लासें छोड़ दीं जिनमें मेरी रुचि नहीं थी, और केवल वही करता था जो मुझे अच्छा लगता था। यह आसान नहीं था – मेरे पास रहने को कमरा तक नहीं था। दोस्तों के कमरे में फर्श पर सोता था। कोक की बोतलें बेचकर खाना खाता था। हर रविवार 7 मील पैदल चलकर हरे कृष्णा मंदिर जाता था ताकि हफ्ते में एक बार पेट भरकर खाना मिल जाए।
उस समय रीड कॉलेज में देश की सबसे अच्छी कैलीग्राफी सिखाई जाती थी। पूरे कैंपस में हर पोस्टर बहुत खूबसूरती से हाथ से लिखा होता था। चूँकि मैं कॉलेज छोड़ चुका था, इसलिए मैंने कैलीग्राफी सीखने का फैसला किया।
मैंने विभिन्न फॉन्ट्स के बारे में सीखा, अक्षरों के बीच सही दूरी के बारे में जाना। यह सब बहुत खूबसूरत, कलात्मक और दिलचस्प था। उस समय मुझे नहीं पता था कि इसका कभी उपयोग होगा।
10 साल बाद जब हमने पहला मैकिंतोश कंप्यूटर बनाया, तो मैंने उसमें यह सुंदर टाइपोग्राफी शामिल की। यह दुनिया का पहला सुंदर टाइपोग्राफी वाला कंप्यूटर बना। अगर मैंने कैलीग्राफी नहीं सीखी होती, तो मैक में कभी भी अलग-अलग फॉन्ट्स नहीं होते। और चूँकि विंडोज ने मैक की नकल की, इसलिए आज किसी भी कंप्यूटर में यह सुविधा नहीं होती।
जब मैं कॉलेज में था, तो भविष्य की ओर देखकर इन बिंदुओं को जोड़ना असंभव था। लेकिन 10 साल बाद पीछे देखने पर सब कुछ साफ दिखा।
आप केवल पीछे मुड़कर ही बिंदुओं को जोड़ सकते हैं। इसलिए आपको विश्वास करना होगा कि वर्तमान में जो हो रहा है, वह भविष्य में किसी न किसी तरह जुड़ेगा। आपको किसी न किसी चीज़ पर विश्वास करना होगा – अपने दिल पर, भाग्य पर, जीवन पर, या कर्म पर।
दूसरी कहानी: प्रेम और हानि
मैं भाग्यशाली था कि मुझे जल्दी पता चल गया कि मैं क्या करना चाहता हूँ। वॉज़ और मैंने 20 साल की उम्र में अपने पिता के गैराज से Apple की शुरुआत की। हमने कड़ी मेहनत की और 10 साल में Apple दो लोगों से बढ़कर 2 बिलियन डॉलर और 4000 लोगों की कंपनी बन गई।
हमने अभी-अभी मैकिंतोश लॉन्च किया था और मैं 30 साल का था। तभी कंपनी ने मुझे निकाल दिया।
आप सोच रहे होंगे कि अपनी ही बनाई कंपनी से कैसे निकाला जा सकता है? जैसे-जैसे Apple बढ़ने लगी, हमने एक होशियार व्यक्ति को काम पर रखा। पहले साल सब ठीक चला, फिर कंपनी के भविष्य को लेकर हमारे बीच मतभेद हो गए। मामला बोर्ड तक पहुँचा और उन्होंने उसका साथ दिया। इस तरह 30 साल की उम्र में मुझे अपनी ही कंपनी से निकाल दिया गया।
जो मेरी पूरी वयस्क जिंदगी का केंद्र था, वह खत्म हो गया। यह तबाही जैसा था। कुछ महीनों तक समझ नहीं आया कि क्या करूँ। मैं एक बड़ी सार्वजनिक असफलता था। सिलिकॉन वैली छोड़कर जाने का भी सोचा।
लेकिन धीरे-धीरे एहसास हुआ कि मैं अपने काम से अभी भी उतना ही प्यार करता हूँ। Apple में जो हुआ, उससे मेरे जुनून में कमी नहीं आई। मुझे अस्वीकार किया गया, लेकिन मैं अपने काम से प्रेम करता था। इसलिए मैंने फिर से शुरुआत की।
उस समय मुझे नहीं पता था, लेकिन अब लगता है कि Apple से निकाले जाने से अच्छा कुछ हो ही नहीं सकता था। सफलता का बोझ शुरुआत करने की आजादी में बदल गया। मैं फिर से हल्का महसूस करने लगा और यही आजादी मेरे जीवन के सबसे रचनात्मक दौर की शुरुआत बनी।
अगले पाँच साल में मैंने NeXT और Pixar कंपनियाँ शुरू कीं। इसी दौरान एक अद्भुत महिला से मिला जो बाद में मेरी पत्नी बनी। Pixar ने दुनिया की पहली कंप्यूटर एनिमेटेड फिल्म “Toy Story” बनाई और आज यह दुनिया का सबसे सफल एनीमेशन स्टूडियो है।
एक अप्रत्याशित मोड़ में Apple ने NeXT को खरीद लिया और मैं Apple वापस आ गया। NeXT में विकसित तकनीक आज Apple के दिल में है। मैं पूरे विश्वास से कह सकता हूँ कि अगर Apple से नहीं निकाला गया होता, तो यह सब कुछ नहीं होता।
यह कड़वी दवा थी, लेकिन मरीज़ को इसकी जरूरत थी। कभी-कभी जिंदगी आपको ठोकर मारती है, लेकिन विश्वास मत खोइए।
अपने काम से संतुष्ट होने का एकमात्र तरीका यह है कि आप वह करें जिसे आप महान काम मानते हैं। और महान काम करने का एकमात्र तरीका यह है कि आप वह करें जो आप प्यार से करते हैं।
अगर अभी तक आपको वह काम नहीं मिला है, तो खोजते रहिए, रुकिए मत। जब मिलेगा, तो आपको पता चल जाएगा। और समय के साथ यह और भी बेहतर होता जाएगा।
तीसरी कहानी: मृत्यु के बारे में
जब मैं 17 साल का था, तो मैंने एक कोटेशन पढ़ा था: “यदि आप हर दिन ऐसे जिएंगे जैसे आपकी जिंदगी का आखिरी दिन है, तो आप किसी न किसी दिन सही साबित हो जाएंगे।” इसने मेरे दिमाग पर गहरा प्रभाव डाला।
तब से पिछले 33 साल से मैं हर सुबह आईने में देखता हूँ और खुद से पूछता हूँ: “अगर आज मेरी जिंदगी का आखिरी दिन होता, तो क्या मैं आज वह करता जो मैं करने वाला हूँ?” अगर जवाब ‘नहीं’ होता है, तो मैं समझ जाता हूँ कि कुछ बदलने की जरूरत है।
यह याद रखना कि एक दिन मरना है, किसी भी चीज़ के खोने के डर को दूर करने का सबसे अच्छा तरीका है। आप पहले से ही नंगे हैं। अपने दिल की न सुनने का कोई कारण नहीं है।
करीब एक साल पहले मुझे पता चला कि मुझे कैंसर है। सुबह 7:30 बजे स्कैन हुआ और उसमें साफ दिखा कि मेरे पैंक्रियाज़ में ट्यूमर है। मुझे तो यह भी नहीं पता था कि पैंक्रियाज़ होता क्या है!
डॉक्टर ने लगभग पूरे विश्वास से बताया कि मुझे एक ऐसा कैंसर है जिसका इलाज संभव नहीं है और मेरे पास केवल तीन से छह महीने बचे हैं। डॉक्टर ने सलाह दी कि मैं घर जाकर सभी चीजें व्यवस्थित कर लूँ – यानी मरने की तैयारी कर लूँ।
इसका मतलब था कि जो काम आप अगले 10 साल में करने वाले थे, वह बचे हुए महीनों में कर लीजिए। अपने बच्चों को वह सब कुछ बताइए जो आप आने वाले सालों में बताने वाले थे।
मैंने इस निदान के साथ पूरा दिन बिताया। शाम को बायोप्सी हुई जहाँ गले के रास्ते से पेट में एक एंडोस्कोप डाला गया और सुई से ट्यूमर के कुछ सेल्स निकाले गए। मैं बेहोश था, लेकिन मेरी पत्नी ने बताया कि जब डॉक्टर ने माइक्रोस्कोप से सेल्स देखे तो वह रो पड़ा।
क्योंकि यह एक बहुत ही दुर्लभ प्रकार का कैंसर था जो सर्जरी से ठीक हो सकता था! मेरी सर्जरी हुई और अब मैं बिल्कुल ठीक हूँ।
मौत के इतने करीब मैं पहले कभी नहीं गया था। इस अनुभव के बाद मैं पूरे विश्वास से कह सकता हूँ:
मृत्यु शायद जीवन का सबसे बेहतरीन आविष्कार है। यह जिंदगी को बदलती है। पुराने को हटाकर नए के लिए रास्ता बनाती है। इस समय आप सभी नए हैं, लेकिन कुछ दिनों में आप पुराने हो जाएंगे।
नाटकीय होने के लिए माफी चाहता हूँ, लेकिन यही सच है।
आपका समय सीमित है, इसलिए इसे किसी और की जिंदगी जीकर बर्बाद मत कीजिए। किसी और के विचारों के शोर में अपने अंदर की आवाज़ को मत दबाइए।
सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि अपने दिल और अंतर्ज्ञान की बात सुनने का साहस रखें। वे पहले से ही जानते हैं कि आप वास्तव में क्या बनना चाहते हैं। बाकी सब कुछ गौण है।
अंतिम संदेश
अंत में मैं आप सभी से यही कहना चाहूँगा:
“Stay Hungry, Stay Foolish”
भूखे रहिए, मूर्ख रहिए।
भूखे रहिए – यानी कुछ करने की भूख हमेशा बनी रहे। मूर्ख रहिए – क्योंकि मूर्ख रहकर ही आप कुछ सीख पाएंगे। अगर आपको लगता है कि आप सब कुछ जानते हैं, तो आप कुछ भी नहीं सीख पाएंगे।
मैंने हमेशा अपने लिए यही चाहा है। अब जब आप सभी यहाँ से स्नातक हो रहे हैं, तो मैं आप सभी के लिए भी यही चाहता हूँ:
Stay Hungry, Stay Foolish!
यह स्टीव जॉब्स के प्रसिद्ध स्टैनफोर्ड भाषण का सारांश है। उनके ये शब्द आज भी लाखों लोगों को प्रेरणा देते हैं।